नए भारत का निर्माण में महिलाओं को भी आत्मनिर्भरता की कहानी लिखनी होगी : आनंदश्री

नए भारत का निर्माण में महिलाओं को भी आत्मनिर्भरता की कहानी लिखनी होगी- आनंदश्री
-जानिए महिलाओं को सफल बनाने वाली 8 महत्वपूर्ण बातें
तू खुद की खोज़ में निकल
तू किस लिए हताश है
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है…
नए भारत के निर्माण में केवल पुरुष ही नही बल्कि महिलाओं को भी आगे आकर आत्मनिर्भर, आत्म जागृति और एक नए संसार का निर्माण करना होगा। महिलाओं को आगे आने के लिए आज की नारी को प्रमुख आठ घटकों पर कार्य करना होगा।
*सकारात्मक माइंडसेट का निर्माण करना*
ग्रो माइन्डसेट के पक्ष में रहकर हमेशा कुछ न कुछ नया करते रहना । अक्सर महिलाएं एक ही ढांचे में रहकर, एक जैसा ही जीवन बिताने लगती है । आज के इस माहौल में, महिलाओं को आजादी मिली है अपना पक्ष , विचार और योगदान देने का। उसका पूरा पूरा उपयोग कीजिये।
*अपने आप पर विश्वास निर्माण कीजिये*
विश्वास क्या होता है, विश्वास साहस से आता है, साहस विचार से, विचार ज्ञान और सही मार्गदर्शन से। ज्ञान पिपासा बने, उसकी खोज करते रहे। सही ज्ञान और मार्गदर्शन से आपमें साहस का निर्माण होगा जो आगे चलकर आपका आत्मविश्वास बनेगा।रोज थोड़ा थोड़ा अभ्यास से आप यह कर सकते है।
विश्वास वह हथियार है जिसमें कोई भी महिला, आपको एक नए रूप से ढाल सकती हैं।
*सुखदायक ट्रेडमिल से उतर जाएं*
आज महिलाएं केवल चूल्हा चौका तक सीमित तक रहते हुए एरोप्लेन एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष यात्री बन गई है । यह सब इस लिए हुआ क्योंकि उन्होंने अपने कम्फर्ट ज़ोन को छोड़ा। भागते हुये ट्रेडमिल को छोडा। जिसमे वह अटकी हुई थी उस विचार को छोड़ दिया।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, आज के दिन सबसे बड़ी बात जो आप जो कर सकते है वह है- लक्ष्य बनाना।
*इमोशन को नियंत्रित कीजिये*
इमोशन इमोशन को कंट्रोल करना सीखेगा और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते रहिए ।
अंग्रेजी कहावत है एक्सपेक्ट फॉर बेस्ट एम प्रिपेयर फॉर वर्स्ट । हमेशा सकारात्मक बारे में सोचना है लेकिन प्रिपेयर हमेशा बुरे के लिए रहिये।
*आपके पास प्लान भी होना चाहिए*
हर महिला एक युद्ध लड़ रही है। हम सबके सामने कभी दिखाई दे रहा है या कभी कभी दिखाई नहीं दे रहा है। किसी का युद्ध दिमाग में चल रहा है,अपने ही विचारो से युद्ध हो रहा है। इसके लिए मेडिटेशन कीजिये। उन विचारों से बाहर निकलिए। प्लान बनाइये और आगे बढ़िए।
*मैक्सीमाइजर मत बनिये*
महिलाओं, आप भी आत्मा, मन, बुद्धि और शरीर हो। आप रोबोट नही हो। मैक्सीमाइजर मत बनिये, बल्कि अपने बुद्धि और मन का समय समय पर परीक्षण करते हुए सुकून इत्मीनान से कार्य कीजिये।
*हमेशा अकेले काम तथा निर्णय से बचें*
हर कार्य को अकेले करने से बचिए। साथ मे अपने साथी को कॉन्फिडेंस में लेकर जो बदलाव लाना है, निर्णय लेना है लीजिए।
*लिखने की आदत डालिये – 4 प्रतिशत नियम को समझिए*
यह सभी आदतों का बॉस है।
यह आखिरी आखिरी का जो सूत्र है वह है लिखने की। महिलाओं को लगता है कि बहुत कुछ उनको याद रहता है। आज से आपको आपके दिमाग मे केवल चार प्रतिशत बाते रखनी है बाकी आपके जर्नल या डायरी में। लिखना बहुत अच्छी आदत है। लेकिन बहुत सारी महिलाएं इसी आदत से अनजान रहते हैं लिखने की आदत डालिये ।आपका लक्ष्य क्या है आपका मकसद क्या है,आपकी प्राथमिकता, आप अभी पवर्तमान में क्या सोच रहे है अपनी भावनात्मक कंडीशन क्या है, यह सारी बातों को लिख कर रखिएगा। जो लोग लिखते हैं, जो पढ़ते हैं, वह जीवन में आगे बढ़ते रहते हैं । लिखाई और पढ़ाई को हम लोग स्कूल पास करते ही छोड़ देते हैं। पढ़ाई चालू रखिए, स्कूल बंद हुआ है पढ़ाई नहीं पढ़ाई।
मेरा मानना है कि हर पुरुष के अंदर भी एक स्त्री होती है। यह लेख दोनों को समर्पित है। इस लेख को केवल ज्ञान की बाते नही बल्कि कर्म की बाते बनाइये। *ज्ञान खजाना है तो अभ्यास उस ज्ञान की तिजोरी को चाबी है।*
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु
मुम्बई